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बाँध दिये कई तटबंध
बाँध दिये कई तटबंध
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मैंने
तुम्हारे शोर को
बंद कर लिया है
अपने ही भीतर
बाँध दिये कई तटबंध
पलकों पर
अब भीतर से कहीं भी
खाली नहीं हूँ
हाँ, हो सकता है
कि जज्बातों के दौड़ से
गुजरते गुजरते
टूटकर बिखड़ जाऊँ
इससे पहले
तुम
मेरे मौन का अनुवाद कर लेना
-: शंभू साधारण :-
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