सुनो
जा रहे हो
जाओ
मगर
अब जब आना
तुम अपना 'मौन' साथ लाना
मैं भी अपने सारे शब्दों की गठरी
चुप्पी के हवाले कर आऊँगा
चलो तय करलो
कि
निगाहों से भी
कोई फुसफुसाहट नहीं
नहीं सुनी जायेगी
धड़कनों की आवाज
बस
महसूसना है
पहली मुलाकात की मुस्कुराहट
कल की नाराजगी
ताकि
मोहब्बत को भी
पता चले
उसकी औकात
-:शंभू साधारण:-