_ प्रेम दोहे . . . . . . . . . . . . . . . . . . मिलते हैं हम रोज ही, होती है ना बात।…
'अमिट दाग " "यार !मेरे गहनों का बाक्स ..?" :"आपके गहनों का बा…
- मैंने तुम्हारे शोर को बंद कर लिया है अपने ही भीतर बाँध दिये कई तटबंध पलकों…
सुनो जा रहे हो जाओ मगर अब जब आना तुम अपना 'मौन' साथ लाना…
_ जब सभी रंगों को एक साथ लिखना हो लिखना हो जब कभी प्रेम और भाईचारा लिखना हो वीर…
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